Bagalamukhi pujan for hidden enemy
बगलामुखी पूजा
बगलामुखी माता को दस महाविद्याओं में से एक माना जाता है। उनकी पूजा तंत्र साधना में विशेष महत्व रखती है। बगलामुखी पूजा का मुख्य उद्देश्य शत्रुओं का नाश, कानूनी मामलों में विजय, और जीवन में सफलता प्राप्त करना होता है। यह पूजा सामान्यतः पीले वस्त्र धारण करके, पीले आसन पर बैठकर, और पीले फूलों एवं हल्दी की माला के साथ की जाती है।
बगलामुखी पूजा की विधि:
- पूजा की तैयारी: स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पीले आसन पर बैठें।
- मंत्र जप: बगलामुखी मंत्र “ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा” का जप करें।
- हवन: घी, तिल, और जौ से हवन करें और हर आहुति के साथ बगलामुखी मंत्र का उच्चारण करें।
- भोग: बगलामुखी माता को हल्दी और बेसन के लड्डू का भोग लगाएं।
- आरती: बगलामुखी माता की आरती करें और अंत में प्रसाद वितरित करें।
बगलामुखी पूजा के लाभ:
- शत्रुनाश: यह पूजा शत्रुओं का नाश करती है और उन्हें निष्क्रिय करती है।
- कानूनी विजय: न्यायालय के मामलों में विजय दिलाती है।
- आर्थिक समृद्धि: आर्थिक समस्याओं को दूर करके धन-धान्य की वृद्धि करती है।
- वाणी में शक्ति: वाणी में शक्ति और प्रभाव बढ़ाती है जिससे व्यक्ति की बातों में दम होता है।
- सुरक्षा: नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा प्रदान करती है।
- बाधा निवारण: जीवन की सभी बाधाओं और कठिनाइयों को दूर करती है।
- मानसिक शांति: मानसिक तनाव को कम करके शांति और स्थिरता प्रदान करती है।
- स्वास्थ्य लाभ: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारती है।
- पारिवारिक सुख: परिवार में सुख, शांति, और समृद्धि लाती है।
- सफलता: कार्यक्षेत्र में सफलता और उन्नति दिलाती है।
- भयमुक्ति: अनजाने भय और आशंकाओं से मुक्ति दिलाती है।
- आध्यात्मिक उन्नति: साधक की आध्यात्मिक उन्नति करती है और आत्मबल को बढ़ाती है।