बगलामुखी चालीसा का पाठ किसी भी मंगलवार से ४१ दिन तक लगातार करना चाहिये। इससे आपको सुख शांति के साथ सुरक्षा भी प्राप्त होती है।
श्री बगलामुखी चालीसा
जय बगलामुखी माता!
चौपाई
|| जय जय बगलामुखी माता।
|| रक्षक संकट हारी॥
|| पीताम्बर धारिणी सुन्दरी।
|| त्रिपुर सुन्दरी भवानी॥1॥
|| कमल आसन पर विराजती।
|| मुख तीन नेत्र शोभा॥
|| हस्त वर मुद्रा अद्भुत।
|| वाणी स्तम्भन करो माता॥2॥
|| शत्रु दलन करो शीघ्र।
|| विजय दिलाओ जग माता॥
|| विद्या बुद्धि की देवी।
|| कला प्रदान करो माता॥3॥
|| भक्ति भाव से करूँ प्रार्थना।
|| रक्षा करो जग माता॥
|| दुःख दारिद्र दूर करो।
|| सुख समृद्धि दो माता॥4॥
|| ऋण मुक्ति करो शीघ्र।
|| मनोरथ पूर्ण करो माता॥
|| भय शंका दूर करो।
|| शत्रुओं का नाश करो माता॥5॥
|| स्तम्भन मन्त्र की देवी।
|| वशीकरण करो माता॥
|| मोहिनी शक्ति की देवी।
|| मन मोह लो माता॥6॥
|| काम वशीकरण करो।
|| स्त्री-पुरुष वशीकरण करो माता॥
|| ग्रह बाधा दूर करो।
|| रोग नाश करो माता॥7॥
|| सौभाग्य वृद्धि करो।
|| कीर्ति यश दो माता॥
|| विद्या ग्रहण कराओ।
|| बुद्धि दो माता॥8॥
|| परीक्षा में सफलता दो।
|| विवादों में विजय दो माता॥
|| राज-कारोबार में वृद्धि दो।
|| धन-दौलत दो माता॥9॥
|| पुत्र-पौत्र दो माता।
|| सुख-समृद्धि दो माता॥
|| गृह-कलह दूर करो।
|| शांति दो माता॥10॥
|| बगलामुखी चालीसा जो पढ़े।
|| मनोरथ पूर्ण होते हैं॥
|| बगलामुखी माता की कृपा।
|| सदैव बनी रहती है॥11॥
|| जय बगलामुखी माता!
इस चालीसा का पाठ करने से माँ बगलामुखी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं।