बगलामुखी कवच स्तोत्र
माता बगलामुखी कवच स्तोत्र एक अत्यंत शक्तिशाली और पवित्र स्तोत्र है जिसे पढ़ने से साधक की रक्षा और परिवार शांती होती है और जीवन में शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। इस स्तोत्र का पाठ विशेष रूप से शत्रुओं के नाश और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा के लिए किया जाता है।
बगलामुखी कवच स्तोत्र का पाठ और विधि
आवश्यक सामग्री:
- बगलामुखी यंत्र या मूर्ति
- पीला वस्त्र
- पीले फूल (जैसे गेंदे के फूल)
- हल्दी की माला
- चंदन का पेस्ट
- धूप, दीपक
- पवित्र जल (गंगा जल)
- नैवेद्य (मिठाई, फल)
पाठ विधि
- स्नान और स्वच्छ वस्त्र: सर्वप्रथम स्नान करें और स्वच्छ पीले वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल: पूजा स्थल को साफ करें और वहां पीला वस्त्र बिछाएं।
- मूर्ति या यंत्र की स्थापना: बगलामुखी यंत्र या मूर्ति को पूजा स्थल पर स्थापित करें।
- ध्यान: माता बगलामुखी का ध्यान करें और उनसे स्तोत्र पाठ के लिए आशीर्वाद माँगें।
बगलामुखी कवच स्तोत्र
ॐ नमो बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा।
ध्यानम
पीताम्बरां पीतवर्णां पीतगन्धानुलेपनाम्।
पीतपुष्पैः सुपूजितां ध्यायेत् बगलामुखीं शुभाम्॥
स्तोत्रम्
ब्रह्मास्त्ररूपा विधि पालनाय सर्वदुष्ट शान्तिकराय नमः।
सर्वत्र जयमंगलकारिण्यै बगलामुख्यै नमो नमः॥
कवचम्
शिरो मे बगलादेवी कण्ठं मे बगलावति।
स्तम्भयेत सर्वदुष्टानां यत्र तत्र बगलावति॥
विनियोग:
ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा॥
रक्षा मन्त्र:
ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा॥
ध्यान मन्त्र:
पीतवर्णां चतुर्भुजां त्रिनेत्रां पीताम्बर धरां देवीं।
पाशांकुशधरां चैव वज्रं मुद्गरं च वरदां ध्यायेत्॥
स्तोत्र समाप्ति:
ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा॥
पाठ के बाद
- आरती: माता बगलामुखी की आरती करें।
- नैवेद्य: माता को नैवेद्य अर्पित करें (मिठाई, फल आदि) और प्रसाद के रूप में ग्रहण करें।
- प्रसाद वितरण: सभी भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण करें।
- आशीर्वाद: माता का आशीर्वाद प्राप्त करें और पूजा स्थल को स्वच्छ करें।
अंत मे
माता बगलामुखी कवच स्तोत्र का नियमित पाठ साधक को सभी प्रकार की नकारात्मकता, बाधाओं और शत्रुओं से सुरक्षा प्रदान करता है। यह स्तोत्र साधक के जीवन में शांति, समृद्धि और सुरक्षा की स्थापना करता है। माता बगलामुखी की कृपा से साधक का जीवन सुरक्षित और सफल बनता है।