मृत्युंजय भैरव मंत्र- भगवान भैरव को समर्पित एक शक्तिशाली मंत्र
मृत्युंजय भैरव, ये माता बगलामुखी के प्रधान भैरव माने जाते है। मृत्युंजय भैरव भगवान भैरव को समर्पित एक शक्तिशाली मंत्र है। भगवान भैरव भगवान शिव के विनाशकारी स्वरूप माने जाते हैं। भगवान मृत्युंजय भैरव मंत्र के जप से हरिद्रा गणेश व माता बगलामुखी की कृपा भी मिलती है।
मृत्युंजय भैरव मंत्र के लाभ:
- अकाल मृत्यु से रक्षा: यह मंत्र अकाल मृत्यु और दुर्घटनाओं से रक्षा करता है।
- रोगों से मुक्ति: यह मंत्र सभी प्रकार के रोगों और स्वास्थ्य समस्याओं से मुक्ति दिलाता है।
- भय और शंका का नाश: यह मंत्र भय, शंका और नकारात्मक विचारों को दूर करता है।
- ग्रह दोषों का निवारण: यह मंत्र ग्रह दोषों के दुष्प्रभावों को दूर करता है।
- शत्रुओं पर विजय: यह मंत्र शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने में मदद करता है।
- साहस और आत्मविश्वास: यह मंत्र साहस और आत्मविश्वास बढ़ाता है।
- धन-संपत्ति में वृद्धि: यह मंत्र धन-संपत्ति में वृद्धि और व्यापार में सफलता प्रदान करता है।
- मोक्ष प्राप्ति: यह मंत्र मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है।
मृत्युंजय भैरव मंत्र का जाप कैसे करें:
- इस मंत्र का जाप 108 बार या 11 माला जप कर सकते हैं।
- मंत्र जाप करते समय काले रंग के वस्त्र पहनें।
- मंत्र जाप दक्षिण दिशा की ओर मुख करके बैठकर करें।
- मंत्र जाप करते समय ध्यान केंद्रित करें और भगवान भैरव की कल्पना करें।
- मंत्र जाप के बाद भगवान भैरव को भोग लगाएं।
मृत्युंजय भैरव मंत्र:
“ॐ ह्रीं मृत्युंजय भैरवाय ह्रौं नमः” “OM HREEM MRTYUNJAY BHAIRAVAAY HROUM NAMAHA”
ध्यान रखें:
- मंत्र जाप करते समय पूर्ण विधि-विधान का पालन करना आवश्यक है।
- मंत्र जाप नियमित रूप से करना चाहिए।
- मंत्र जाप के दौरान मन को शांत रखें और किसी भी प्रकार के नकारात्मक विचारों को मन में न आने दें।
यह मंत्र माता बगलामुखी की कृपा के साथ जीवन में सफलता, खुशहाली और सुरक्षा प्राप्त करने मदत करता है।