बगलामुखी ध्यान साधना
माता बगलामुखी की ध्यान साधना एक अत्यंत शक्तिशाली और प्रभावशाली साधना है, जो साधक को आंतरिक शांति, सुरक्षा, और जीवन में सफलता प्रदान करती है। इस साधना का मुख्य उद्देश्य मन को एकाग्र करना, नकारात्मक शक्तियों का नाश करना और माता बगलामुखी की कृपा प्राप्त करना है।
ध्यान साधना विधि
आवश्यक सामग्री:
- बगलामुखी यंत्र या मूर्ति
- पीला वस्त्र
- पीले फूल (जैसे गेंदे के फूल)
- हल्दी की माला
- चंदन का पेस्ट
- धूप, दीपक
- पवित्र जल (गंगा जल)
- नैवेद्य (मिठाई, फल)
साधना की तैयारी
- स्नान और स्वच्छ वस्त्र: सर्वप्रथम स्नान करें और स्वच्छ पीले वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल: पूजा स्थल को साफ करें और वहां पीला वस्त्र बिछाएं।
- मूर्ति या यंत्र की स्थापना: बगलामुखी यंत्र या मूर्ति को पूजा स्थल पर स्थापित करें।
ध्यान साधना प्रक्रिया
- आसन: पीले वस्त्र पर पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।
- आवाहन: माता बगलामुखी का ध्यान करें और उनसे साधना के लिए आशीर्वाद माँगें।
- “ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा”
- प्राणायाम: साधना शुरू करने से पहले कुछ मिनट तक गहरी सांस लें और छोड़ें। यह मन को शांत करने और ध्यान के लिए तैयार करने में सहायक होता है।
- ध्यान: माता बगलामुखी की मूर्ति या यंत्र को अपने मन में स्थिर करें। अपनी आँखें बंद करें और माता के दिव्य स्वरूप का ध्यान करें।
- मंत्र जप: “ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा” मंत्र का जप करें। मंत्र का जप कम से कम 108 बार करें।
- माला जप: हल्दी की माला का उपयोग करके मंत्र का जप करें। प्रत्येक मनके पर मंत्र का जप करें।
- दृष्टि एकाग्रता: अपनी दृष्टि को माता की मूर्ति या यंत्र पर केंद्रित करें और मन को स्थिर रखें। माता के दिव्य स्वरूप का ध्यान करें और अपनी सभी समस्याओं को माता के चरणों में समर्पित करें।
- आरती: ध्यान के बाद माता बगलामुखी की आरती करें।
- नैवेद्य: माता को नैवेद्य अर्पित करें (मिठाई, फल आदि) और प्रसाद के रूप में ग्रहण करें।
साधना के बाद
- ध्यान समाप्ति: माता बगलामुखी से अपनी मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें।
- प्रसाद वितरण: सभी भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण करें।
- आशीर्वाद: माता का आशीर्वाद प्राप्त करें और पूजा स्थल को स्वच्छ करें।
अंत मे
बगलामुखी ध्यान साधना का सही और श्रद्धा पूर्वक पालन करने से साधक के जीवन में सभी प्रकार की नकारात्मकता, बाधाओं और शत्रुओं का नाश होता है। माता बगलामुखी की कृपा से साधक को शांति, समृद्धि, सुरक्षा और आत्मबल प्राप्त होता है। इस साधना को नियमित रूप से करने से साधक की आध्यात्मिक उन्नति होती है और जीवन में सफलता प्राप्त होती है।