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The glory and importance of Mother Baglamukhi

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माता बगलामुखी के बारे में

माता बगलामुखी को दस महाविद्याओं में एक प्रमुख देवी माना जाता है। उनकी उपासना विशेष रूप से तंत्र साधना में की जाती है। माता बगलामुखी को स्तंभन की देवी कहा जाता है, जो शत्रुओं और विरोधियों को रोकने और उनकी गतिविधियों को स्थिर करने में सक्षम होती हैं। उनकी महिमा और महत्व के विषय में विस्तार से जानना हमारे जीवन को नई दिशा दे सकता है। यहां माता बगलामुखी की महिमा और महत्व का विस्तृत वर्णन प्रस्तुत है।

माता बगलामुखी की उत्पत्ति

माता बगलामुखी का जन्म एक विशेष परिस्थिति में हुआ था। यह कहा जाता है कि एक बार त्रेतायुग में जब पूरी सृष्टि को संकट का सामना करना पड़ा और एक भयंकर तूफान ने समस्त ब्रह्मांड को विनाश की कगार पर ला दिया, तब सभी देवताओं ने भगवान विष्णु से सहायता की प्रार्थना की। भगवान विष्णु ने तपस्या की और सरोवर में स्नान किया। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर माता बगलामुखी प्रकट हुईं और उन्होंने अपनी शक्ति से उस भयंकर तूफान को शांत किया। इसी कारण से माता बगलामुखी को स्तंभन शक्ति की देवी माना जाता है।

माता बगलामुखी का स्वरूप

माता बगलामुखी का स्वरूप अत्यंत दिव्य और अद्वितीय है। वे पीले वस्त्र धारण करती हैं और उनके चार हाथ होते हैं। उनके एक हाथ में गदा, दूसरे में शत्रु की जीभ, तीसरे में अभय मुद्रा और चौथे में वर मुद्रा होती है। उनकी इस मुद्रा से स्पष्ट होता है कि वे शत्रुओं का नाश करने और अपने भक्तों को अभय और वरदान देने वाली देवी हैं।

माता बगलामुखी की पूजा विधि

माता बगलामुखी की पूजा तंत्र साधना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उनकी पूजा विशेष विधि और मंत्रों के साथ की जाती है। यहां माता बगलामुखी की पूजा विधि का संक्षिप्त विवरण दिया गया है:

  1. स्नान और शुद्धिकरण: सबसे पहले स्नान करें और शुद्ध वस्त्र धारण करें।
  2. पूजा स्थल की शुद्धि: पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और पीले कपड़े बिछाएं।
  3. माता बगलामुखी की प्रतिमा या चित्र: माता बगलामुखी की प्रतिमा या चित्र को पूजा स्थल पर स्थापित करें।
  4. दीप जलाएं: दीपक जलाएं और धूप, अगरबत्ती का प्रज्वलन करें।
  5. आसन और ध्यान: पीले आसन पर बैठें और कुछ समय के लिए ध्यान करें।
  6. मंत्र जाप: माता बगलामुखी के बीज मंत्र “ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा” का जाप करें।
  7. प्रसाद: माता बगलामुखी को बेसन के लड्डू, पान, सुपारी आदि का भोग लगाएं।
  8. आरती: माता बगलामुखी की आरती करें और अंत में प्रसाद वितरण करें।

माता बगलामुखी के मंत्र

माता बगलामुखी के मंत्र अत्यंत शक्तिशाली माने जाते हैं। इन मंत्रों का जाप करने से शत्रुओं का नाश, मुकदमों में विजय, और सभी प्रकार की बाधाओं का निवारण होता है। माता बगलामुखी के कुछ प्रमुख मंत्र निम्नलिखित हैं:

  1. बीज मंत्र: ” ह्ल्रीं ” या “ह्लीं” “HLREEM or HLEEM”
  2. मंत्र: “ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा।”

माता बगलामुखी की महिमा

माता बगलामुखी की महिमा असीमित है। वे अपने भक्तों की सभी बाधाओं को दूर करती हैं और उन्हें सुरक्षा प्रदान करती हैं। माता बगलामुखी की उपासना करने से जीवन में अद्भुत सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। उनकी महिमा के कुछ प्रमुख पहलू निम्नलिखित हैं:

  1. शत्रुओं का नाश: माता बगलामुखी की उपासना से शत्रुओं का नाश होता है और वे स्थिर हो जाते हैं।
  2. मुकदमों में विजय: जो लोग न्यायालय के मामलों में फंसे होते हैं, उनके लिए माता बगलामुखी की उपासना अत्यंत लाभकारी होती है।
  3. वाणी पर नियंत्रण: माता बगलामुखी की कृपा से वाणी पर नियंत्रण होता है और व्यक्ति अपनी बात को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत कर सकता है।
  4. सुरक्षा और रक्षा: माता बगलामुखी अपने भक्तों की हर प्रकार की सुरक्षा करती हैं और उन्हें हर विपत्ति से बचाती हैं।
  5. ध्यान और साधना में सफलता: माता बगलामुखी की उपासना से ध्यान और साधना में सफलता मिलती है और व्यक्ति आत्मिक उन्नति प्राप्त करता है।

माता बगलामुखी का महत्व

माता बगलामुखी का महत्व उनकी अद्वितीय शक्तियों और भक्तों के प्रति उनकी करुणा में निहित है। वे न केवल शत्रुओं का नाश करती हैं बल्कि अपने भक्तों को आंतरिक शक्ति और साहस भी प्रदान करती हैं। माता बगलामुखी का महत्व निम्नलिखित बिंदुओं में स्पष्ट होता है:

  1. विपत्तियों से रक्षा: माता बगलामुखी विपत्तियों से रक्षा करती हैं और कठिन परिस्थितियों में साहस प्रदान करती हैं।
  2. शत्रुओं का विनाश: उनकी उपासना से शत्रुओं का विनाश होता है और वे स्थिर हो जाते हैं।
  3. आध्यात्मिक उन्नति: माता बगलामुखी की उपासना से व्यक्ति आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त करता है और आत्मा की शुद्धि होती है।
  4. ध्यान और साधना: उनकी उपासना से ध्यान और साधना में गहरी एकाग्रता प्राप्त होती है।
  5. न्याय और सत्य की जीत: माता बगलामुखी न्याय और सत्य की देवी हैं। उनकी उपासना से व्यक्ति को न्याय और सत्य की प्राप्ति होती है।

अंत में

माता बगलामुखी की महिमा और महत्व असीमित है। उनकी उपासना से शत्रुओं का नाश, न्याय की प्राप्ति, वाणी पर नियंत्रण, और आत्मिक उन्नति होती है। माता बगलामुखी की कृपा से जीवन में आने वाली सभी बाधाओं का निवारण होता है और व्यक्ति को हर प्रकार की विपत्तियों से सुरक्षा मिलती है। माता बगलामुखी की पूजा विधि, मंत्र जाप, और ध्यान से हम अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं और जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। उनकी महिमा और महत्व को समझकर और उनकी उपासना करके हम अपने जीवन को सफल और सुखमय बना सकते हैं।

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