बगलामुखी अभिषेक
माता बगलामुखी का अभिषेक करना एक पवित्र और विशेष अनुष्ठान माना जाता है जिसमें माता बगलामुखी की मूर्ति या यंत्र को पवित्र जल और अन्य द्रव्यों से स्नान कराया जाता है। यह अभिषेक साधक की समर्पण और भक्ति को दर्शाता है और माता की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत प्रभावी माना जाता है।
अभिषेक विधि
आवश्यक सामग्री:
- बगलामुखी यंत्र या मूर्ति
- पवित्र जल (गंगा जल)
- दूध
- दही
- घी
- शहद
- शक्कर
- चंदन का पेस्ट
- हल्दी पाउडर
- कुंकुम
- फूल (विशेषकर पीले फूल)
- पान के पत्ते
- पीला वस्त्र
- धूप, दीपक
अभिषेक की तैयारी:
- स्नान और स्वच्छ वस्त्र: सर्वप्रथम स्नान करें और स्वच्छ पीले वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल: पूजा स्थल को साफ करें और वहां पीला वस्त्र बिछाएं।
- मूर्ति या यंत्र की स्थापना: बगलामुखी यंत्र या मूर्ति को पूजा स्थल पर स्थापित करें।
अभिषेक प्रक्रिया:
- आवाहन: माता बगलामुखी का ध्यान करें और उनसे पूजा के लिए आशीर्वाद माँगें।
- “ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा”
- पवित्र जल से स्नान: सर्वप्रथम गंगा जल से माता बगलामुखी की मूर्ति या यंत्र को स्नान कराएं।
- दूध से अभिषेक: माता को दूध से स्नान कराएं और “ॐ ह्लीं बगलामुखि नमः” मंत्र का जप करें।
- दही से अभिषेक: दही से माता का अभिषेक करें और “ॐ ह्लीं बगलामुखि नमः” मंत्र का जप करें।
- घी से अभिषेक: घी से माता का अभिषेक करें और “ॐ ह्लीं बगलामुखि नमः” मंत्र का जप करें।
- शहद से अभिषेक: शहद से माता का अभिषेक करें और “ॐ ह्लीं बगलामुखि नमः” मंत्र का जप करें।
- शक्कर से अभिषेक: शक्कर से माता का अभिषेक करें और “ॐ ह्लीं बगलामुखि नमः” मंत्र का जप करें।
- चंदन और हल्दी का पेस्ट: चंदन और हल्दी के पेस्ट से माता को अभिषेक करें और “ॐ ह्लीं बगलामुखि नमः” मंत्र का जप करें।
- पवित्र जल से अंतिम स्नान: पुनः गंगा जल से माता की मूर्ति या यंत्र को स्नान कराएं।
पूजन और अर्चना
- माता का श्रृंगार: माता को चंदन, कुंकुम और फूल अर्पित करें।
- धूप और दीपक: धूप और दीप जलाकर माता को अर्पित करें।
- पुष्प अर्पण: माता को पान के पत्ते और पीले फूल अर्पित करें।
- नैवेद्य: माता को नैवेद्य अर्पित करें (मिठाई, फल आदि)।
- मंत्र जप: माता बगलामुखी के बीज मंत्र या “ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा” मंत्र का कम से कम 108 बार जप करें।
- आरती: माता बगलामुखी की आरती करें।
निष्कर्ष व लाभ
माता बगलामुखी के अभिषेक और साधना से साधकों को कई महत्वपूर्ण लाभ प्राप्त होते हैं जैसे कि..
- शत्रुनाश: माता बगलामुखी की कृपा से शत्रुओं का नाश होता है और साधक के जीवन में शांति बनी रहती है।
- नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति: बगलामुखी अभिषेक से सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों और बुरी नजर का नाश होता है।
- मानसिक शांति: माता की पूजा से मानसिक शांति प्राप्त होती है और तनाव, चिंता, और अवसाद से मुक्ति मिलती है।
- सुरक्षा: माता बगलामुखी की साधना से साधक को हर प्रकार की सुरक्षा प्राप्त होती है, चाहे वह भौतिक हो या आध्यात्मिक।
- वाणी की शक्ति: बगलामुखी अर्चना से वाणी की शक्ति और प्रभाव बढ़ता है, जिससे व्यक्ति की बातों में आकर्षण और प्रभावशीलता आती है।
- विवादों का निवारण: माता की कृपा से सभी प्रकार के विवाद और कानूनी समस्याओं का निवारण होता है और साधक को न्याय प्राप्त होता है।
- आर्थिक समृद्धि: माता बगलामुखी की पूजा से आर्थिक समस्याओं का समाधान होता है और साधक को धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- व्यवसाय में सफलता: व्यवसाय में आने वाली सभी बाधाओं का नाश होता है और व्यापार में सफलता और वृद्धि प्राप्त होती है।
- स्वास्थ्य लाभ: माता की कृपा से साधक को स्वास्थ्य लाभ मिलता है और रोगों से मुक्ति मिलती है, जिससे जीवन स्वस्थ और आनंदमय बनता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: माता बगलामुखी की आराधना से साधक की आध्यात्मिक उन्नति होती है, ध्यान और साधना में प्रगति होती है, और साधक को आध्यात्मिक ज्ञान और अनुभव प्राप्त होते हैं।
इन लाभों को प्राप्त करने के लिए माता बगलामुखी की अर्चना, साधना और अभिषेक का नियमित पालन करना चाहिए। माता बगलामुखी की कृपा से साधक के जीवन में सुख, शांति, समृद्धि, और सुरक्षा बनी रहती है।
माता बगलामुखी का अभिषेक एक पवित्र और विशेष अनुष्ठान है जो साधक को माता की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने में सहायक होता है। इस विधि का सही और श्रद्धा पूर्वक पालन करने से साधक के जीवन में सभी प्रकार की नकारात्मकता, बाधाओं और शत्रुओं का नाश होता है और शांति, समृद्धि, और सुरक्षा की प्राप्ति होती है।