बगलामुखी चालीसा (Baglamukhi Chalisa):
बगलामुखी चालीसा का पाठ देवी बगलामुखी की प्रशंसा के लिए की जाती है और इसका पाठ करने से माता की कृपा, सुरक्षा व सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।
बगलामुखी चालीसा से लाभ (Benefits of Baglamukhi Chalisa):
- मानसिक शांति और स्थिरता
- अद्भुत साहस और स्थिरता
- शत्रुओं और विघ्नों से मुक्ति
- अच्छा स्वास्थ्य और दीर्घायु
कितने दिन इस चालीसा का पाठ करें (Duration of Recitation):
बगलामुखी चालीसा का पाठ नियमित रूप से ४० दिनों तक करें। यह चालीसा नियमित और श्रद्धापूर्वक पाठ करने से उनकी कृपा प्राप्ति होती है और उनके आशीर्वाद से जीवन में समृद्धि आती है।
श्री बगलामुखी चालीसा
(Shri Baglamukhi Chalisa)
|| दोहा ||
नमो महाविद्या बरदा, बगलामुखी दयाल।
स्तम्भन क्षण में करे, सुमरित अरिकुल काल।। 1
(Chaupai)
नमो नमो पीताम्बरा भवानी, बगलामुखी नमो कल्यानी।
भक्त वत्सला शत्रु नशानी, नमो महाविद्या वरदानी।। 2
अमृत सागर बीच तुम्हारा, रत्न जड़ित मणि मंडित प्यारा।
स्वर्ण सिंहासन पर आसीना, पीताम्बर अति दिव्य नवीना।। 3
स्वर्णाभूषण सुन्दर धारे, सिर पर चन्द्र मुकुट श्रृंगारे।
तीन नेत्र दो भुजा मृणाला, धारे मुद्गर पाश कराला।। 4
भैरव करे सदा सेवकाई, सिद्ध काम सब विघ्न नसाई।
तुम हताश का निपट सहारा, करे अकिंचन अरिकल धारा।। 5
तुम काली तारा भुवनेशी, त्रिपुर सुन्दरी भैरवी वेशी।
सिंहवाहिनी शत्रु संहारी, जगत जननी जग को सुखकारी।। 6
वाक् सिद्धि बुद्धि मेधा धारी, भक्तजन मन की सब मनकारी।
सब विद्या कला तूं ही दाता, दुष्ट ग्रहों को करे निरुद्धा।। 7
शत्रु तांत्रिक जाल बिछावे, मारण उच्चाटन को उपजावे।
तब ध्यान करे जो तुम्हारा, शत्रु नाश होवे क्षण में सारा।। 8
मान मुख मुद्रा का विधान, शत्रु नाश का करे निदान।
पीताम्बर रज उपर लिख के, शत्रु के नाम का करे निशान।। 9
यह चालीसा जो कोई पढ़े, शत्रु बाधा तुरंत टले।
मनवांछित फल शीघ्र हीं पाए, संकट सब दूर हो जाय।। 10
|| दोहा ||
जय बगलामुखी दयामयी, सिंहवाहिनी जग पालिनी।
दुष्ट ग्रह शत्रु नाश करे, दुःख दरिद्र सब दूर करे।। 11
|| इति श्री बगलामुखी चालीसा सम्पूर्ण ||