बगला खड्ग माला पूजा
बगला खड्ग माला पूजा तांत्रिक विधियों में से एक महत्वपूर्ण साधना है, जिसका मुख्य उद्देश्य व्यक्ति को शत्रुओं से सुरक्षा प्रदान करना और जीवन में सभी प्रकार की बाधाओं को दूर करना होता है। यह पूजा विशेषकर तब की जाती है जब व्यक्ति को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हो या उसे शत्रुओं से बड़ा खतरा हो।
बगला खड्ग माला पूजा की विधि:
- पूजा की तैयारी:
- सबसे पहले, स्नान करके स्वच्छ पीले वस्त्र धारण करें।
- एक साफ स्थान पर पीला आसन बिछाएं और उस पर बैठें।
- पूजा के स्थान को गोमूत्र और गंगाजल से पवित्र करें।
- ध्यान और संकल्प:
- अपनी आँखें बंद करके बगलामुखी माता का ध्यान करें।
- संकल्प लें कि आप शत्रुओं के नाश और सभी प्रकार की बाधाओं को दूर करने के लिए यह पूजा कर रहे हैं।
- मंत्र जप:
- बगला खड्ग माला का जप करें। यह माला विशेष प्रकार की होती है और इसे पूजा के समय धारण किया जाता है।
- “ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा” मंत्र का 108 बार जप करें।
- हवन:
- हवन कुंड में घी, तिल, और जौ की आहुति दें।
- हर आहुति के साथ उपरोक्त मंत्र का उच्चारण करें।
- अभिषेक:
- बगलामुखी माता की मूर्ति या चित्र पर हल्दी और कुमकुम से अभिषेक करें।
- पीले फूल, हल्दी, और चंदन का प्रयोग करें।
- भोग:
- माता को बेसन के लड्डू, हल्दी के लड्डू, और पीले मिठाई का भोग लगाएं।
- आरती:
- बगलामुखी माता की आरती करें और परिवार के सभी सदस्यों के साथ मिलकर भजन-कीर्तन करें।
- प्रसाद वितरण:
- पूजा समाप्ति के बाद प्रसाद वितरित करें और सभी को आशीर्वाद दें।
बगला खड्ग माला पूजा के लाभ:
- शत्रुनाश: शत्रुओं का नाश करती है और उन्हें निष्क्रिय करती है।
- कानूनी मामलों में विजय: न्यायालय के मामलों में विजय दिलाती है।
- आर्थिक समृद्धि: आर्थिक समस्याओं को दूर करके धन-धान्य की वृद्धि करती है।
- वाणी में शक्ति: वाणी में शक्ति और प्रभाव बढ़ाती है।
- सुरक्षा: नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा प्रदान करती है।
- बाधा निवारण: जीवन की सभी बाधाओं और कठिनाइयों को दूर करती है।
- मानसिक शांति: मानसिक तनाव को कम करके शांति और स्थिरता प्रदान करती है।
- स्वास्थ्य लाभ: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारती है।
- पारिवारिक सुख: परिवार में सुख, शांति, और समृद्धि लाती है।
- सफलता: कार्यक्षेत्र में सफलता और उन्नति दिलाती है।
- भयमुक्ति: अनजाने भय और आशंकाओं से मुक्ति दिलाती है।
- आध्यात्मिक उन्नति: साधक की आध्यात्मिक उन्नति करती है और आत्मबल को बढ़ाती है।